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Amazing Benefits Of Tulsi: Tulsi ke fayde पाचन सुधार से लेकर तनाव कम करने तक, खाली पेट तुलसी के पत्ते चबाने से होंगे ये 5 फायदे

Benefits Of Tulsi: Tulsi ke fayde पाचन सुधार से लेकर तनाव कम करने तक, खाली पेट तुलसी के पत्ते चबाने से होंगे ये 5 फायदे

 

(Tulsi ke fayde) तुलसी – एक पारंपरिक द्विबीजपत्री, शाकीय, औषधीय पौधा है। हिंदू धर्म में तुलसी को पवित्र माना जाता है और लोग इसे अपने घर के आंगन या दरवाजे पर या बाग में लगाते हैं। भारतीय संस्कृति के चिर पुरातन ग्रंथ वेदों में भी तुलसी के गुणों और उसकी उपयोगिता का वर्णन मिलता है।

तुलसी, एक औषधीय पौधा है जिसमें विटामिन और खनिजों की प्राचुर्य पाई जाती है। यह औषधीय पौधा सभी रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर है, इसलिए इसे प्रत्यक्ष देवी कहा जाता है। तुलसी के धार्मिक महत्व के कारण, हर घर के आंगन में इसके पौधे लगाए जाते हैं। तुलसी की कई प्रजातियाँ होती हैं, जैसे कि श्वेत और कृष्ण, जिन्हें राम तुलसी और कृष्ण तुलसी भी कहा जाता है।

Tulsi ke fayde
(Tulsi ke fayde)

चरक संहिता और सुश्रुत-संहिता में भी तुलसी के गुणों का विस्तार से वर्णन है। तुलसी का पौधा आमतौर पर ३० से ६० सेमी तक ऊँचा होता है, और इसके फूल छोटे-छोटे, सफेद और बैगनी रंग के होते हैं। इसका पुष्पकाल और फलकाल जुलाई से अक्टूबर तक रहता है।

अन्य भाषाओं में तुलसी के नाम: (Tulsi ke fayde)

  • Tulsi in:
    • Tamil – तुलशी (Tulashi)
    • Telugu – गग्गेर चेट्टु (Gagger chettu)
    • Sanskrit : तुलसी, सुरसा, देवदुन्दुभि, अपेतराक्षसी, सुलभा, बहुमञ्जरी, गौरी, भूतघ्नी
    • Hindi : तुलसी, वृन्दा
    • Odia : तुलसी (Tulasi)
    • Kannad : एरेड तुलसी (Ared tulsi)
    • Gujrati : तुलसी (Tulasi)
    • Bengali : तुलसी (Tulasi)
    • Nepali : तुलसी (Tulasi)
    • Marathi : तुलस (Tulas)
    • Malyalam : कृष्णतुलसी (Krishantulasi)
    • Arabi : दोहश (Dohsh)

 

  • सर्दी-खांसी में फायदेमंद किसी के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। …

सर्दी-खांसी में फायदेमंद पत्तों में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो शारीरिक संरक्षा में मददगार होते हैं।

  • पाचन के लिए गुणकारी … (Amazing Benefits Of Tulsi: Tulsi ke fayde)

गलत खानपान या प्रदूषित पानी की वजह से अक्सर लोग डायरिया की चपेट में आ जाते हैं। खासतौर पर बच्चों को यह समस्या बहुत होती है। तुलसी की पत्तियां डायरिया, पेट में मरोड़ आदि समस्याओं से आराम दिलाने में कारगर हैं। इसके लिए तुलसी की 10 पत्तियां और 1 ग्राम जीरा दोनों को पीसकर शहद में मिलाकर उसका सेवन करें।

    • नपुंसकता में लाभकारी (Uses of Tulsi in Impotence in Hindi)

      तुलसी बीज चूर्ण अथवा मूल चूर्ण में बराबर की मात्रा में गुड़ मिलाकर 1-3 ग्राम की मात्रा में, गाय के दूध के साथ लगातार एक माह या छह सप्ताह तक लेते रहने से नपुंसकता में लाभ होता है।

  • चोट लगने पर तुलसी का उपयोग (Tulsi Beneficial to Treat Injuries in Hindi)

    चोट लगने पर भी तुलसी का उपयोग किया जाता है क्योंकि इसमें रोपण और सूजन को कम करने वाला गुण होता है। तुलसी का यही गुण चोट के घाव एवं उसकी सूजन को भी ठीक करने में सहायक होता है |

    • इम्यूनिटी करे बूस्ट (Amazing Benefits Of Tulsi: Tulsi ke fayde)

    तुलसी (Tulsi plant) के नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है। 20 ग्राम तुलसी बीज चूर्ण (Tulsi seeds Powder) में 40 ग्राम मिश्री मिलाकर पीस कर रख लें। सर्दियों में इस मिश्रण की 1 ग्राम मात्रा का कुछ दिन सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वात एवं कफ से जुड़े रोगों से मुक्ति मिलती है।

तुलसी की पत्तियों का सेवन शरीर को कई रोगों से बचाता है। आयुर्वेद के अनुसार रोजाना सुबह-सुबह तुलसी की 4-5 ताज़ी पत्तियां तोड़कर चबाकर खाना सेहत के लिए बहुत लाभकारी है। नियमित रूप से पत्तियां खाने से कफ संबंधी समस्याओं जैसे कि अस्थमा, जुकाम आदि में आराम मिलता है साथ ही यह डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने में भी मदद करता है।

तुलसी का काढ़ा घर पर बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए दो कप पानी में तुलसी की कुछ पत्तियां डालकर 10-15 मिनट तक पानी  उबालें या फिर इसे तब तक उबालें जब तक पानी एक चौथाई ना बच जाए। इसके बाद इसे छानकर हल्का गुनगुना होने पर पिएं। यह काढ़ा इम्यूनिटी बढ़ाने, सर्दी-जुकाम दूर करने और कोविड-19 जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव में मददगार है।

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(Amazing Benefits Of Tulsi: Tulsi ke fayde in Hindi)

 

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